सूरा-ए-ज़लज़ला | ||
99 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
99 | 1 | जब ज़मीन ज़ोरों के साथ ज़लज़ले में आ जायेगी |
99 | 2 | और वह सारे ख़ज़ाने निकाल डालेगी |
99 | 3 | और इन्सान कहेगा कि उसे क्या हो गया है |
99 | 4 | उस दिन वह अपनी ख़बरें बयान करेगी |
99 | 5 | कि तुम्हारे परवरदिगार (पालने वाले) ने उसे इशारा किया है |
99 | 6 | उस रोज़ सारे इन्सान गिरोह दर गिरोह क़ब्रों से निकलेंगे ताकि अपने आमाल (कामों) को देख सकें |
99 | 7 | फिर जिस शख़्स ने ज़र्रे बराबर नेकी की है वह उसे देखेगा |
99 | 8 | और जिसने ज़र्रा बराबर बुराई की है वह उसे देखेगा |
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Zalzala 99th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
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