HINDI-URDU-QURAN (Quran Urdu tarjuma)
Friday, 14 July 2017
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Naas 114th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
सूरा-ए-नास | ||
114 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
114 | 1 | ऐ रसूल कह दीजिए के मैं इन्सानों के परवरदिगार (पालने वाले) की पनाह चाहता हूँ |
114 | 2 | जो तमाम लोगों का मालिक और बादशाह है |
114 | 3 | सारे इन्सानांे का माबूद (इबादत के क़ाबिल) है |
114 | 4 | शैतानी वसवास (वहम, ख़ौफ़ के ख़याल) के शर (बुराई) से जो नामे ख़ुदा सुनकर पीछे हट जाता है |
114 | 5 | और जो लोगों के दिलों में वसवसे (वहम, ख़ौफ़ के ख़याल) पैदा करता है |
114 | 6 | वह जिन्नात में से हो या इन्सानों में से |
Sura-e-Falaq 113th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
सूरा-ए-फ़लक़ | ||
113 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
113 | 1 | कह दीजिए कि मैं सुबह के मालिक की पनाह चाहता हूँ |
113 | 2 | तमाम मख़्लूक़ात के शर (बुराई) से |
113 | 3 | और अंधेरी रात के शर (बुराई) से जब उसका अंधेरा छा जाये |
113 | 4 | और गन्डों पर फँूकने वालियों के शर (बुराई) से |
113 | 5 | और हर हसद करने (जलने) वाले के शर (बुराई) से जब भी वह हसद (जलन) करे |
Sura-e-Ikhlas 112th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
सूरा-ए-एख़लास | ||
112 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
112 | 1 | ऐ रसूल कह दीजिए कि वह अल्लाह एक है |
112 | 2 | अल्लाह बरहक़ और बेनियाज़ (जिसे कोई/किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं) है |
112 | 3 | उसकी न कोई औलाद है और न वालिद (बाप) |
112 | 4 | और न उसका कोई कुफ़ू (बराबरी वाला) और हमसर है |
Sura-e-Masad/Lahab 111st surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
सूरा-ए-मसद/लहब | ||
111 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
111 | 1 | अबूलहब के हाथ टूट जायें और वह हलाक (बरबाद, ख़त्म) हो जाये |
111 | 2 | न उसका माल ही उसके काम आया और न उसका कमाया हुआ सामान ही |
111 | 3 | वह अनक़रीब (बहुत जल्द) भड़कती हुई आग में दाखि़ल होगा |
111 | 4 | और उसकी बीवी जो लकड़ी ढोने वाली है |
111 | 5 | उसकी गर्दन में बटी हुई रस्सी बंधी हुई है |
Sura-e-Nasr 110th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
सूरा-ए-नस्र | ||
110 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
110 | 1 | जब ख़ुदा की मदद और फ़तेह की मंजि़ल (आखि़री जगह) आ जायेगी |
110 | 2 | और आप देखेंगे कि लोग दीने ख़ुदा में फ़ौज दर फ़ौज दाखि़ल हो रहे हैं |
110 | 3 | तो अपने रब की हम्द (तारीफ़) की तसबीह करें और उससे अस्तग़फ़ार (गुनाहों की माफ़ी की दुआ) करें कि वह बहुत ज़्यादा तौबा कु़बूल करने वाला है |
Sura-e-Kafiroon 109th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
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