Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Naas 114th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-नास
114   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
114 1 ऐ रसूल कह दीजिए के मैं इन्सानों के परवरदिगार (पालने वाले) की पनाह चाहता हूँ 
114 2 जो तमाम लोगों का मालिक और बादशाह है 
114 3 सारे इन्सानांे का माबूद (इबादत के क़ाबिल) है 
114 4 शैतानी वसवास (वहम, ख़ौफ़ के ख़याल) के शर (बुराई) से जो नामे ख़ुदा सुनकर पीछे हट जाता है 
114 5 और जो लोगों के दिलों में वसवसे (वहम, ख़ौफ़ के ख़याल) पैदा करता है 
114 6 वह जिन्नात में से हो या इन्सानों में से

Sura-e-Falaq 113th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-फ़लक़
113   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
113 1 कह दीजिए कि मैं सुबह के मालिक की पनाह चाहता हूँ 
113 2 तमाम मख़्लूक़ात के शर (बुराई) से 
113 3 और अंधेरी रात के शर (बुराई) से जब उसका अंधेरा छा जाये 
113 4 और गन्डों पर फँूकने वालियों के शर (बुराई) से 
113 5 और हर हसद करने (जलने) वाले के शर (बुराई) से जब भी वह हसद (जलन) करे 

Sura-e-Ikhlas 112th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-एख़लास
112   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
112 1 ऐ रसूल कह दीजिए कि वह अल्लाह एक है 
112 2 अल्लाह बरहक़ और बेनियाज़ (जिसे कोई/किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं) है 
112 3 उसकी न कोई औलाद है और न वालिद (बाप) 
112 4 और न उसका कोई कुफ़ू (बराबरी वाला) और हमसर है 

Sura-e-Masad/Lahab 111st surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-मसद/लहब
111   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
111 1 अबूलहब के हाथ टूट जायें और वह हलाक (बरबाद, ख़त्म) हो जाये 
111 2 न उसका माल ही उसके काम आया और न उसका कमाया हुआ सामान ही 
111 3 वह अनक़रीब (बहुत जल्द) भड़कती हुई आग में दाखि़ल होगा 
111 4 और उसकी बीवी जो लकड़ी ढोने वाली है 
111 5 उसकी गर्दन में बटी हुई रस्सी बंधी हुई है

Sura-e-Nasr 110th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-नस्र
110   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
110 1 जब ख़ुदा की मदद और फ़तेह की मंजि़ल (आखि़री जगह) आ जायेगी 
110 2 और आप देखेंगे कि लोग दीने ख़ुदा में फ़ौज दर फ़ौज दाखि़ल हो रहे हैं 
110 3 तो अपने रब की हम्द (तारीफ़) की तसबीह करें और उससे अस्तग़फ़ार (गुनाहों की माफ़ी की दुआ) करें कि वह बहुत ज़्यादा तौबा कु़बूल करने वाला है 

Sura-e-Kafiroon 109th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)


    सूरा-ए-काफ़ेरून
109   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
109 1 आप कह दीजिए कि ऐ काफि़रों (कुफ्ऱ करने वाले, ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वालों) 
109 2 मैं उन ख़ुदाओं की इबादत नहीं कर सकता जिनकी तुम पूजा करते हो 
109 3 और न तुम मेरे ख़ुदा की इबादत करने वाले हो 
109 4 न मैं तुम्हारे माबूदों की पूजा करने वाला हूँ 
109 5 और न तुम मेरे माबूद (इबादत के क़ाबिल अल्लाह) के इबादतगुज़ार (इबादत करने वाले) हो 
109 6 तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन है और मेरे लिए मेरा दीन है