Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Takasur 102nd surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-तकासुर
102   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
102 1 तुम्हें बाहमी (आपसी) मुक़ाबले कसरते माल व औलाद (माल व औलाद की ज़्यादती) ने ग़ाफि़ल (बेपरवाह) बना दिया 
102 2 यहाँ तक कि तुमने क़ब्रों से मुलाक़ात कर ली
102 3 देखो तुम्हें अनक़रीब (बहुत जल्द) मालूम हो जायेगा 
102 4 और फिर ख़ू़ब मालूम हो जायेगा 
102 5 देखो अगर तुम्हें यक़ीनी इल्म हो जाता 
102 6 कि तुम जहन्नम को ज़रूर देखोगे 
102 7 फिर उसे अपनी आँखों देखे यक़ीन की तरह देखोगे 
102 8 और फिर तुमसे उस दिन नेअमत के बारे में सवाल किया जायेगा

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