सूरा-ए-आदियात | ||
100 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
100 | 1 | फ़र्राटे भरते हुए तेज़ रफ़्तार घोड़ों की क़सम |
100 | 2 | जो टाप मारकर चिन्गारियाँ उड़ाने वाले हैं |
100 | 3 | फिर सुबह दम हमला करने वाले हैं |
100 | 4 | फिर ग़्ाु़बारे जंग उड़ाने वाले हैं |
100 | 5 | और दुश्मन की जमीयत (मजमे) में दर आने (घुस जाने) वाले हैं |
100 | 6 | बेशक इन्सान अपने परवरदिगार (पालने वाले) के लिए बड़ा नाशुक्रा है |
100 | 7 | और वह खु़द भी इस बात का गवाह है |
100 | 8 | और वह माल की मोहब्बत में बहुत सख़्त है |
100 | 9 | क्या उसे नहीं मालूम है कि जब मुर्दों को क़ब्रों से निकाला जायेगा |
100 | 10 | और दिल के राज़ों को ज़ाहिर कर दिया जायेगा |
100 | 11 | तो इनका परवरदिगार (पालने वाला) उस दिन के हालात से खू़ब बाख़बर होगा |
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Adiyaat 100th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
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