Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Infetar 82nd surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-इनफ़ेतार
82   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
82 1 जब आसमान शिगाफ़्ता (दरार वाला) हो (फट) जायेगा
82 2 और जब सितारे बिखर जायेंगे
82 3 और जब दरिया बहकर एक दूसरे से मिल जायेंगे 
82 4 और जब क़ब्रांे को उभार दिया जायेगा 
82 5 तब हर नफ़्स (जान) को मालूम होगा कि क्या मुक़द्दम (आगे भेजा) किया है और क्या मोअख़्ख़र  किया (पीछे छोड़ा) है 
82 6 ऐ इन्सान तुझे रब्बे करीम (करम करने वाले) के बारे में किस शै ने धोके में रखा है 
82 7 उसने तुझे पैदा किया है फिर बराबर करके मुतावाजि़न (ठीक) बनाया है 
82 8 उसने जिस सूरत में चाहा है तेरे अज्ज़ा (जिस्म के हिस्सों) की तरकीब की है 
82 9 मगर तुम लोग जज़ा (सिला) का इन्कार करते हो 
82 10 और यक़ीनन तुम्हारे सरों पर निगेहबान मुक़र्रर हैं 
82 11 जो बाइज़्ज़त लिखने वाले हैं 
82 12 वह तुम्हारे आमाल (कामों) को खू़ब जानते हैं 
82 13 बेशक नेक (अच्छे) लोग नेअमतों में होंगे 
82 14 और बदकार (बुरा काम करने वाले) अफ़राद (लोग) जहन्नम में होंगे 
82 15 वह रोज़े जज़ा (सिला) इसी में झोंक दिये जायेंगे 
82 16 और वह उससे बचकर न जा सकेंगे 
82 17 और तुम क्या जानो कि जज़ा (सिला) का दिन क्या शै है 
82 18 फिर तुम्हें क्या मालूम कि जज़ा (सिला) का दिन कैसा होता है
82 19 उस दिन कोई किसी के बारे में कोई इखि़्तयार न रखता होगा और सारा इखि़्तयार अल्लाह के हाथों में होगा 

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