सूरा-ए-इनफ़ेतार | ||
82 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
82 | 1 | जब आसमान शिगाफ़्ता (दरार वाला) हो (फट) जायेगा |
82 | 2 | और जब सितारे बिखर जायेंगे |
82 | 3 | और जब दरिया बहकर एक दूसरे से मिल जायेंगे |
82 | 4 | और जब क़ब्रांे को उभार दिया जायेगा |
82 | 5 | तब हर नफ़्स (जान) को मालूम होगा कि क्या मुक़द्दम (आगे भेजा) किया है और क्या मोअख़्ख़र किया (पीछे छोड़ा) है |
82 | 6 | ऐ इन्सान तुझे रब्बे करीम (करम करने वाले) के बारे में किस शै ने धोके में रखा है |
82 | 7 | उसने तुझे पैदा किया है फिर बराबर करके मुतावाजि़न (ठीक) बनाया है |
82 | 8 | उसने जिस सूरत में चाहा है तेरे अज्ज़ा (जिस्म के हिस्सों) की तरकीब की है |
82 | 9 | मगर तुम लोग जज़ा (सिला) का इन्कार करते हो |
82 | 10 | और यक़ीनन तुम्हारे सरों पर निगेहबान मुक़र्रर हैं |
82 | 11 | जो बाइज़्ज़त लिखने वाले हैं |
82 | 12 | वह तुम्हारे आमाल (कामों) को खू़ब जानते हैं |
82 | 13 | बेशक नेक (अच्छे) लोग नेअमतों में होंगे |
82 | 14 | और बदकार (बुरा काम करने वाले) अफ़राद (लोग) जहन्नम में होंगे |
82 | 15 | वह रोज़े जज़ा (सिला) इसी में झोंक दिये जायेंगे |
82 | 16 | और वह उससे बचकर न जा सकेंगे |
82 | 17 | और तुम क्या जानो कि जज़ा (सिला) का दिन क्या शै है |
82 | 18 | फिर तुम्हें क्या मालूम कि जज़ा (सिला) का दिन कैसा होता है |
82 | 19 | उस दिन कोई किसी के बारे में कोई इखि़्तयार न रखता होगा और सारा इखि़्तयार अल्लाह के हाथों में होगा |
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Infetar 82nd surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
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