Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Al Lail 92nd surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-अललैल
92   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
92 1 रात की क़सम जब वह दिन को ढाँप ले 
92 2 और दिन की क़सम जब वह चमक जाये 
92 3 और उसकी क़सम जिसने मर्द और औरत को पैदा किया है 
92 4 बेशक तुम्हारी कोशिशें मुख़्तलिफ़ (अलग-अलग) कि़स्म की हैं 
92 5 फिर जिसने माल अता किया और तक़्वा (ख़ुदा का ख़ौफ़) इखि़्तयार किया
92 6 और नेकी की तसदीक़ (गवाही) की
92 7 तो उसके लिए हम आसानी का इन्तिज़ाम कर देंगे 
92 8 और जिसने बुख़्ल (कंजूसी) किया और लापरवाही बरती 
92 9 और नेकी को झुठलाया है
92 10 उसके लिए सख़्ती की राह हमवार कर देंगे 
92 11 और उसका माल कुछ काम न आयेगा जब वह हलाक (बरबाद, ख़त्म) हो जायेगा 
92 12 बेशक हिदायत की जि़म्मेदारी हमारे ऊपर है 
92 13 और दुनिया व आखि़रत का इखि़्तयार हमारे हाथों में है 
92 14 तो हमने तुम्हें भड़की हुई आग से डराया 
92 15 जिसमंे कोई न जायेगा सिवाए बदबख़्त शख़्स के 
92 16 जिसने झुठलाया और मुँह फेर लिया
92 17 और उससे अनक़रीब (बहुत जल्द) साहेबे तक़्वा (ख़ुदा का ख़ौफ़ रखने वालों) को महफ़ूज़ रखा जायेगा
92 18 जो अपने माल को देकर पाकीज़गी का एहतेमाम करता है 
92 19 जबकि उसके पास किसी का कोई एहसान नहीं है जिसकी जज़ा (सिला) दी जाये
92 20 सिवाए ये कि वह ख़ुदाए बुजु़र्ग की मजऱ्ी का तलबगार है 
92 21 और अनक़रीब (बहुत जल्द) वह राज़ी हो जायेगा 

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