सूरा-ए-अललैल | ||
92 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
92 | 1 | रात की क़सम जब वह दिन को ढाँप ले |
92 | 2 | और दिन की क़सम जब वह चमक जाये |
92 | 3 | और उसकी क़सम जिसने मर्द और औरत को पैदा किया है |
92 | 4 | बेशक तुम्हारी कोशिशें मुख़्तलिफ़ (अलग-अलग) कि़स्म की हैं |
92 | 5 | फिर जिसने माल अता किया और तक़्वा (ख़ुदा का ख़ौफ़) इखि़्तयार किया |
92 | 6 | और नेकी की तसदीक़ (गवाही) की |
92 | 7 | तो उसके लिए हम आसानी का इन्तिज़ाम कर देंगे |
92 | 8 | और जिसने बुख़्ल (कंजूसी) किया और लापरवाही बरती |
92 | 9 | और नेकी को झुठलाया है |
92 | 10 | उसके लिए सख़्ती की राह हमवार कर देंगे |
92 | 11 | और उसका माल कुछ काम न आयेगा जब वह हलाक (बरबाद, ख़त्म) हो जायेगा |
92 | 12 | बेशक हिदायत की जि़म्मेदारी हमारे ऊपर है |
92 | 13 | और दुनिया व आखि़रत का इखि़्तयार हमारे हाथों में है |
92 | 14 | तो हमने तुम्हें भड़की हुई आग से डराया |
92 | 15 | जिसमंे कोई न जायेगा सिवाए बदबख़्त शख़्स के |
92 | 16 | जिसने झुठलाया और मुँह फेर लिया |
92 | 17 | और उससे अनक़रीब (बहुत जल्द) साहेबे तक़्वा (ख़ुदा का ख़ौफ़ रखने वालों) को महफ़ूज़ रखा जायेगा |
92 | 18 | जो अपने माल को देकर पाकीज़गी का एहतेमाम करता है |
92 | 19 | जबकि उसके पास किसी का कोई एहसान नहीं है जिसकी जज़ा (सिला) दी जाये |
92 | 20 | सिवाए ये कि वह ख़ुदाए बुजु़र्ग की मजऱ्ी का तलबगार है |
92 | 21 | और अनक़रीब (बहुत जल्द) वह राज़ी हो जायेगा |
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Al Lail 92nd surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
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