सूरा-ए-अलक़ | ||
96 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
96 | 1 | उस ख़ुदा का नाम लेकर पढ़ो जिसने पैदा किया है |
96 | 2 | उसने इन्सान को जमे हुए ख़ू़न से पैदा किया है |
96 | 3 | पढ़ो और तुम्हारा परवरदिगार (पालने वाला) बड़ा करीम (करम करने वाला) है |
96 | 4 | जिसने क़लम के ज़रिये तालीम दी है |
96 | 5 | और इन्सान को वह सब कुछ बता दिया है जो उसे नहीं मालूम था |
96 | 6 | बेशक इन्सान सरकशी (बग़ावत) करता है |
96 | 7 | कि अपने को बेनियाज़ (जिसे कोई/किसी चीज़ की ज़रूरत नहीं) ख़्याल करता है |
96 | 8 | बेशक आपके रब की तरफ़ वापसी है |
96 | 9 | क्या तुमने उस शख़्स को देखा है जो मना करता है |
96 | 10 | बन्दा-ए-ख़ुदा को जब वह नमाज़ पढ़ता है |
96 | 11 | क्या तुमने देखा कि अगर वह बन्दा हिदायत पर हो |
96 | 12 | या तक़्वे (ख़ुदा के ख़ौफ़) का हुक्म दे तो रोकना कैसा है |
96 | 13 | क्या तुमने देखा कि अगर उस काफि़र (कुफ्ऱ करने वाले, ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वाले) ने झुठलाया और मुँह फेर लिया |
96 | 14 | तो क्या तुम्हें नहीं मालूम कि अल्लाह देख रहा है |
96 | 15 | याद रखो अगर वह रोकने से बाज़ न आया तो हम पेशानी (माथे) के बाल पकड़कर घसीटेंगे |
96 | 16 | झूठे और ख़ताकार (ग़ल्तियां करने वाले) की पेशानी (माथे) के बाल |
96 | 17 | फिर वह अपने हमनशीनों को बुलाए |
96 | 18 | हम भी अपने जल्लाद फ़रिश्तों को बुलाते हैं |
96 | 19 | देखो तुम हर्गिज़ उसकी इताअत न करना और सज्दा करके कु़र्बे ख़ुदा (ख़ुदा की क़ुर्बत) हासिल करो |
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Alaq 96th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
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