Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Hamzah 104th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-हम्ज़ाह
104   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
104 1 तबाही और बर्बादी है हर तानाज़न (ताना देने वाले) और चुग़लख़ोर (शिकायत करने वाले) के लिए 
104 2 जिसने माल को जमा किया और ख़ू़ब इसका हिसाब रखा 
104 3 उसका ख़्याल था कि ये माल उसे हमेशा बाक़ी रखेगा 
104 4 हर्गिज़ नहीं उसे यक़ीनन हुतमा में डाल दिया जायेगा 
104 5 और तुम क्या जानो कि हुतमा क्या शै है 
104 6 ये अल्लाह की भड़काई हुई आग है 
104 7 जो दिलों तक चढ़ जायेगी 
104 8 वह आग इनके ऊपर घेर दी जायेगी 
104 9 लम्बे-लम्बे सुतूनों (खम्भों) के साथ 

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