Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Asr 103rd surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-अस्र
103   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
103 1 क़सम है अस्र की
103 2 बेशक इन्सान ख़सारे (घाटे) में है 
103 3 अलावा उन लोगों के जो ईमान लाये और उन्होंने नेक (अच्छे) आमाल (काम) किये और एक दूसरे को हक़ और सब्र की वसीयत (जाने से पहले इन कामों को अन्जाम देने की नसीहत) व नसीहत की 

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