Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Ghashia 88th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-ग़ाशिया
88   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
88 1 क्या तुम्हें ढाँप लेने वाली क़यामत की बात मालूम है 
88 2 उस दिन बहुत से चेहरे ज़लील और रूसवा (शर्मिन्दा) होंगे 
88 3 मेहनत करने वाले थके हुए 
88 4 दहकती हुई आग मंे दाखि़ल होंगे 
88 5 उन्हें खौलते हुए पानी के चश्मे (दरिया जैसे) से सेराब किया जायेगा 
88 6 उनके लिए कोई खाना सिवाए ख़ारदार (कांटो वाली) झाड़ी के न होगा 
88 7 जो न मोटाई पैदा कर सके और न भूख के काम आ सके 
88 8 और कुछ चेहरे तरोताज़ा होंगे 
88 9 अपनी मेहनत व रियाज़त (कमाई) से ख़ु़श 
88 10 बलन्दतरीन (सबसे बलन्द) जन्नत में 
88 11 जहाँ कोई लग़ो (बेहूदा)़ आवाज़ न सुनाई दे 
88 12 वहाँ चश्मे (दरिया जैसे) जारी होंगे 
88 13 वहाँ ऊँचे-ऊँचे तख़्त होंगे 
88 14 और एतराफ़ में (इर्द-गिर्द) रखे हुए प्याले होंगे 
88 15 और क़तार (लाइन) से लगे हुए गाव तकिये होंगे 
88 16 और बिछी हुई बेहतरीन (सबसे अच्छी) मसनदें होंगी 
88 17 क्या ये लोग ऊँट की तरफ़ नहीं देखते हैं कि उसे किस तरह पैदा किया गया है 
88 18 और आसमान को किस तरह बलन्द (ऊंचा) किया गया है 
88 19 और पहाड़ को किस तरह नस्ब किया (गाड़ा) गया है 
88 20 और ज़मीन को किस तरह बिछाया गया है 
88 21 लेहाज़ा (इसलिये) तुम नसीहत (अच्छी बातों का बयान) करते रहो कि तुम सिर्फ़ नसीहत (अच्छी बातों को बयान) करने वाले हो 
88 22 तुम उन पर मुसल्लत और उनके जि़म्मेदार नहीं हो 
88 23 मगर जो मुँह फेर ले और काफि़र (कुफ्ऱ करने वाले, ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वाले) हो जाये 
88 24 तो ख़ुदा उसे बहुत बड़े अज़ाब में मुब्तिला करेगा (डालेगा) 
88 25 फिर हमारी ही तरफ़ उन सबकी बाज़गश्त (लौटना, वापसी) है 
88 26 और हमारे ही जि़म्मे उन सबका हिसाब है 

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