Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Balad 90th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-बलद
90   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
90 1 मैं उस शहर की क़सम खाता हूँ 
90 2 तुम उसी शहर में तो रहते हो 
90 3 तुम्हारे बाप आदम (अलैहिस्सलाम) और उनकी औलाद की क़सम 
90 4 हमने इन्सान को मशक़्क़त में रहने वाला बनाया है 
90 5 क्या उसका ख़्याल ये है कि उस पर कोई क़ाबू न पा सकेगा 
90 6 कि वह कहता है कि मैंने बेतहाशा सर्फ़ किया है 
90 7 क्या उसका ख़्याल है कि उसको किसी ने नहीं देखा है 
90 8 या हमने उसके लिए दो आँखे नहीं क़रार दी हैं 
90 9 और ज़बान और दो हांेठ भी 
90 10 और हमने उसे दोनांे रास्तों की हिदायत दी है 
90 11 फिर वह घाटी पर से क्यों नहीं गुज़रा
90 12 और तुम क्या जानो ये घाटी क्या है 
90 13 किसी गर्दन का आज़ाद कराना 
90 14 या भूख के दिन में खाना खिलाना 
90 15 किसी क़राबतदार (क़रीबी रिश्तेदार) यतीम को 
90 16 या ख़ाकसार मिसकीन (मोहताज) को 
90 17 फिर वह उन लोगों में शामिल हो जाता जो ईमान लाये और उन्होंने सब्र और मरहमत की एक दूसरे को नसीहत (अच्छी बातों का बयान) की 
90 18 यही लोग ख़ु़शनसीबी वाले हैं 
90 19 और जिन लोगों ने हमारी आयात से इन्कार किया है वह बदबख़्ती वाले हैं 
90 20 उन्हें आग में डालकर उसे हर तरफ़ से बन्द कर दिया जायेगा 

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