सूरा-ए-बलद | ||
90 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
90 | 1 | मैं उस शहर की क़सम खाता हूँ |
90 | 2 | तुम उसी शहर में तो रहते हो |
90 | 3 | तुम्हारे बाप आदम (अलैहिस्सलाम) और उनकी औलाद की क़सम |
90 | 4 | हमने इन्सान को मशक़्क़त में रहने वाला बनाया है |
90 | 5 | क्या उसका ख़्याल ये है कि उस पर कोई क़ाबू न पा सकेगा |
90 | 6 | कि वह कहता है कि मैंने बेतहाशा सर्फ़ किया है |
90 | 7 | क्या उसका ख़्याल है कि उसको किसी ने नहीं देखा है |
90 | 8 | या हमने उसके लिए दो आँखे नहीं क़रार दी हैं |
90 | 9 | और ज़बान और दो हांेठ भी |
90 | 10 | और हमने उसे दोनांे रास्तों की हिदायत दी है |
90 | 11 | फिर वह घाटी पर से क्यों नहीं गुज़रा |
90 | 12 | और तुम क्या जानो ये घाटी क्या है |
90 | 13 | किसी गर्दन का आज़ाद कराना |
90 | 14 | या भूख के दिन में खाना खिलाना |
90 | 15 | किसी क़राबतदार (क़रीबी रिश्तेदार) यतीम को |
90 | 16 | या ख़ाकसार मिसकीन (मोहताज) को |
90 | 17 | फिर वह उन लोगों में शामिल हो जाता जो ईमान लाये और उन्होंने सब्र और मरहमत की एक दूसरे को नसीहत (अच्छी बातों का बयान) की |
90 | 18 | यही लोग ख़ु़शनसीबी वाले हैं |
90 | 19 | और जिन लोगों ने हमारी आयात से इन्कार किया है वह बदबख़्ती वाले हैं |
90 | 20 | उन्हें आग में डालकर उसे हर तरफ़ से बन्द कर दिया जायेगा |
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Balad 90th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
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