Saturday, 18 April 2015

Sura-e-Burooj 85th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)

    सूरा-ए-बुरूज
85   अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू।
85 1 बुर्जों वाले आसमान की क़सम 
85 2 और उस दिन की क़सम जिसका वादा दिया गया है 
85 3 और गवाह और जिसकी गवाही दी जायेगी उसकी क़सम 
85 4 असहाबे अख़्दूद (ख़न्दक़ों वाले) हलाक (बरबाद, ख़त्म) कर दिये गये 
85 5 आग से भरी हुई ख़न्दक़ों वाले 
85 6 जिनमें आग भरे बैठे हुए थे 
85 7 और वह मोमिनीन के साथ जो सुलूक कर रहे थे खु़द ही उसके गवाह भी हैं 
85 8 और उन्हांेने उनसे सिर्फ़ इस बात का बदला लिया है कि वह ख़ुदाए अज़ीज़ व हमीद पर ईमान लाये थे 
85 9 वह ख़ुदा जिसके इखि़्तयार में आसमान व ज़मीन का सारा मुल्क (बादशाहत) है और वह हर शै का गवाह और निगराँ (नज़र रखने वाला) भी है 
85 10 बेशक जिन लोगों ने ईमानदार मर्दों और औरतों को सताया और फिर तौबा न की उनके लिए जहन्नम का अज़ाब है और उनके लिए जलने का अज़ाब भी है 
85 11 बेशक जो लोग ईमान ले आये और उन्होंने नेक (अच्छा) आमाल (कामों) किये उनके लिए वह जन्नतें हैं जिनके नीचे नहरें जारी होंगी और ये बहुत बड़ी कामयाबी है 
85 12 बेशक आपके परवरदिगार (पालने वाले) की पकड़ बहुत सख़्त होती है 
85 13 वही पैदा करने वाला और दोबारा ईजाद करने वाला है 
85 14 वही बहुत बख़्शने (माफ़ करने) वाला और मोहब्बत करने वाला है 
85 15 वह साहेबे अर्शे मजीद (अर्श का मालिक) है 
85 16 जो चाहता है कर सकता है 
85 17 क्या तुम्हारे पास लश्करों की ख़बर आयी है 
85 18 फि़रऔन और क़ौमे समूद की ख़बर 
85 19 मगर कुफ़्फ़ार (ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वाले) तो सिर्फ़ झुठलाने में पड़े हुए हैं 
85 20 और अल्लाह उनको पीछे से घेरे हुए है 
85 21 यक़ीनन ये बुज़्ाु़र्ग व बरतर कु़रआन है
85 22 जो लौहे महफ़ूज़ में महफ़ूज़ किया गया है 

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