सूरा-ए-आला | ||
87 | अज़ीम और दाएमी (हमेशा बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। | |
87 | 1 | अपने बलन्द तरीन (सबसे बलन्द) रब के नाम की तसबीह करो |
87 | 2 | जिसने पैदा किया है और दुरूस्त (ठीक-ठीक) बनाया है |
87 | 3 | जिसने तक़दीर मुअईयन (तय) की है और फिर हिदायत दी है |
87 | 4 | जिसने चारा बनाया है |
87 | 5 | फिर उसे ख़ु़श्क करके (सुखाकर) स्याह (काले) रंग का कूड़ा बना दिया है |
87 | 6 | हम अनक़रीब (बहुत जल्द) तुम्हें इस तरह पढ़ायेंगे कि भूल न सकोगे |
87 | 7 | मगर ये कि ख़ुदा ही चाहे कि वह हर ज़ाहिर और मख़्फ़ी (छुपी) रहने वाली चीज़ को जानता है |
87 | 8 | और हम तुमको आसान रास्ते की तौफ़ीक़ देंगे |
87 | 9 | लेहाज़ा (इसलिये) लोगों को समझाओ अगर समझाने का फ़ायदा हो |
87 | 10 | अनक़रीब (बहुत जल्द) ख़ौफ़े ख़ु़दा (ख़ुदा का डर) रखने वाला समझ जायेगा |
87 | 11 | और बदबख़्त उससे किनाराकशी (दूरी अपनाना) करेगा |
87 | 12 | जो बहुत बड़ी आग में जलने वाला है |
87 | 13 | फिर न उसमें जि़न्दगी है न मौत |
87 | 14 | बेशक पाकीज़ा रहने वाला कामयाब हो गया |
87 | 15 | जिसने अपने रब के नाम की तसबीह की और फिर नमाज़ पढ़ी |
87 | 16 | लेकिन तुम लोग जि़न्दगानी दुनिया को मुक़द्दम रखते हो |
87 | 17 | जबकि आखि़रत बेहतर (ज़्यादा अच्छी) और हमेशा रहने वाली है |
87 | 18 | ये बात तमाम पहले सहीफ़ों में भी मौजूद है |
87 | 19 | इब्राहीम (अलैहिस्सलाम) के सहीफ़ों में भी और मूसा (अलैहिस्सलाम) के सहीफ़ांे में भी |
Saturday, 18 April 2015
Sura-e-Aala 87th surah of Quran Urdu Translation of Quran in Hindi (Allama zeeshan haider Jawadi sb.)
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment