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सूरा-ए-कौसर |
108 |
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अज़ीम और दाएमी (हमेशा
बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। |
108 |
1 |
बेशक हमने आपको कौसर
अता किया है |
108 |
2 |
लेहाज़ा (इसलिये) आप
अपने रब के लिए नमाज़ पढ़ें और कु़र्बानी दें |
108 |
3 |
यक़ीनन आपका दुश्मन बे
औलाद रहेगा |
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सूरा-ए-काफ़ेरून |
109 |
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अज़ीम और दाएमी (हमेशा
बाक़ी रहने वाली) रहमतों वाले ख़ुदा के नाम से शुरू। |
109 |
1 |
आप कह दीजिए कि ऐ
काफि़रों (कुफ्ऱ करने वाले, ख़ुदा या उसके हुक्म का इन्कार करने वालों) |
109 |
2 |
मैं उन ख़ुदाओं की
इबादत नहीं कर सकता जिनकी तुम पूजा करते हो |
109 |
3 |
और न तुम मेरे ख़ुदा
की इबादत करने वाले हो |
109 |
4 |
न मैं तुम्हारे
माबूदों की पूजा करने वाला हूँ |
109 |
5 |
और न तुम मेरे माबूद
(इबादत के क़ाबिल अल्लाह) के इबादतगुज़ार (इबादत करने वाले) हो |
109 |
6 |
तुम्हारे लिए तुम्हारा
दीन है और मेरे लिए मेरा दीन है |
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